क्यूं इंतजार करें, कोई अपना गुजर जाए ?
क्या हमसें होगा नहीं, वक्त से पहले सँवर जाएं ?
क्या कोरोना उच-नीच देखता है ?
या अमीर-गरीब देखता है ?
बडा-छोटा देखता है,
या ताकतवर देखता है?
कोरोना ये सब नही देखता
ना ही कोई बडा-छोटा देखता है
कभी भी, किसी को भी हो सकता है...
तो आप अपने आपको क्यूं फँसा रहे हो...
मालूम होते हुए भी, क्यूं मौत के पास जा रहे हो..
तुम्हें क्यूं लगता है की, मुझे कुछ नही होनेवाला
ये कोरोना- बिरोना मुझे नहीं छुंनेवाला
और ना ही मैं उससे डरनेवाला
ऐसा करके आपको भी, क्या है मिलने वाला ?
वो भले ही एक छोटासा विषाणू है
जाने अंजाने में शरीरमें घुस जाता है
फिर अपने साथ- साथ सभीको खतरा होता है
और देखते ही देखते अापकी जान लेता है.
फिर किस को बताओगे, मैं मास्क नही पहनता ?
फिर किसको दिखाओगे, मैं घरमें नही बैठता ?
कूछ पल जीना चाहते हो, तो नियमोंका पालन करो,
कोरोना से डरो और अपने आपसें प्यार करो ...
कवी - सुनील जगदाले