Thursday, March 16, 2017

ऐसा न था मैं

ऐसा न था मैं

ऐसा न था मैं, अलग, अकेला रहनेवाला ।। धृ ।।

खुली आंखों से अन्याय देख,चुपकर सहनेवाला ।। 1 ।।

सरेआम गुंडा-गर्दी देख, नजरें झुकानेवाला ।। 2 ।।

लाखों, करोड़ों की भीड़ में, खुदको छुपानेवाला ।। 3 ।।

आपत्तिजनक समय पर, संकट से भागनेवाला ।। 4 ।।

बेदर्दी आवाजें सुनकर, अनसुना करनेवाला ।। 5 ।।

इस दुनिया में शर्मिंदगीसे, झुककर जीनेवाला ।। 6 ॥

ऐसा न था मैं, अलग, अकेला रहनेवाला....

No comments: