जीने की चाहत तो हर किसी को हैं
ऐसेही कोई मरना नहीं चाहता हैं
खुशी से हो उसका दामन भरा
फिर भी वो, हर खुशी जीना चाहता हैं
एक पल हँसता, एक पल में रोता हैं
खुशी को पल में भूल के दु:खो का दिंडोरा पीटता हैं
हर दु:ख मे भगवान पे ही इल्जाम लगा देता हैं
न जाने आखिर क्यूं, हर इंसान एक जैसाही होता हैं
Chandrayaan 2
5 years ago
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