बहूत किया इंतजार, अब आई है बहार ।
जिसके लिए थी बेकरार, खुशियाँ लाया वो बेशुमार ।
उसके आने की रोनक, सारे जहाँ से दिख रही थी ।
उसे क्या मालुम, मै कितनी खुश हो रही थी ।
उसने आते हीं, थामा मेरा हाथ ।
जैसे बोल रहा था, है जनम-जनम का साथ ।
हर पल हर घड़ी, मै उसे चाहती हूँ ।
जहाँ जाऊँ वहां, उसके साथ रहती हूँ ।
एक दिन मुझे, अजबसा सपना आया ।
सपने में उसने, मेरा साथ छोड़ दिया ।
जिंदगी में आके मेरे, उसने मुझे छेड़ा था ।
मेरे दिल का चहेता, मेरा चाइना मोबाईल मेरे पासही पड़ा था ।
Chandrayaan 2
5 years ago